यूक्रेन ने देखी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत,जानें कैसे यूक्रेन ने ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की विनाशक क्षमता को देखा। अमेरिकी ‘S-400’ रक्षा प्रणाली भी असफल, पाकिस्तान के बाद एक और बड़ा झटका। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें-रूस-यूक्रेन युद्ध: इस्कंदर मिसाइलों ने पैट्रियट डिफेंस सिस्टम को धोखा दिया! जानें कैसे रूस की हाइपरसोनिक मिसाइलें युद्ध में बदल रही हैं गेम
रूस-यूक्रेन युद्ध: इस्कंदर मिसाइलों ने अमेरिकी पैट्रियट डिफेंस को धोखा देकर मचाई तबाही!

यूक्रेन ने देखी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत,रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब पूर्ण विनाश के कगार पर पहुंच चुकी है। यूक्रेनी ड्रोन हमलों के जवाब में रूस ने जिस तरह से इस्कंदर मिसाइलों से पलटवार किया है, उसने अमेरिका तक को हिलाकर रख दिया है। ये हाइपरसोनिक मिसाइलें अमेरिका के घमंडी पैट्रियट डिफेंस सिस्टम को आसानी से चकमा देने में सफल रही हैं। पैट्रियट सिस्टम, जो रूस के एस-400 की तरह ही एक शक्तिशाली रक्षा प्रणाली है, इस्कंदर के सामने बेअसर साबित हुआ। भारत भी एस-400 का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे इस घटना का महत्व और बढ़ जाता है। रूस का दावा है कि इस हमले में उसने यूक्रेन के कई ड्रोन लॉन्चर्स को पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
इस्कंदर मिसाइल: रूस का सबसे खतरनाक हथियार
- गति: 6-7 मैक (ध्वनि की गति से 6-7 गुना तेज)
- सटीकता: महज 5-7 मीटर के दायरे में वार
- रेंज: 500 से 1000 किमी तक
- विशेषता: हाइपरसोनिक, रडार से बचने की क्षमता, क्वासी-बैलिस्टिक ट्रैजेक्टरी
इस्कंदर (9K720) रूस का एक उन्नत सामरिक मिसाइल सिस्टम है, जिसे छोटी और मध्यम दूरी के लक्ष्यों को सटीकता से नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका सबसे एडवांस्ड वर्जन, इस्कंदर-एम, 500 किमी तक मार करने में सक्षम है और यह परमाणु वारहेड भी ले जा सकता है। इसकी मोबाइल लॉन्चिंग सिस्टम इसे युद्धक्षेत्र में तेजी से तैनात करने में मदद करती है, जिससे दुश्मन के लिए इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
क्यों इस्कंदर को रोक पाना है नामुमकिन–

यूक्रेन ने देखी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत,
- यह उड़ान के दौरान अप्रत्याशित मैन्युवर करता है, जिससे इंटरसेप्ट करना मुश्किल हो जाता है।
- इसमें रडार को भ्रमित करने वाले डिकॉय सिस्टम लगे हैं।
- पैट्रियट जैसी एयर डिफेंस सिस्टम भी इसकी स्पीड और युद्धाभ्यास क्षमता के आगे फेल साबित हुए हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध में इस्कंदर मिसाइलों का प्रभावी इस्तेमाल साबित करता है कि आधुनिक युद्ध में हाइपरसोनिक हथियारों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। क्या भविष्य में भारत जैसे देशों को भी इस तरह के हथियारों की जरूरत पड़ेगी? पूरी जानकारी के लिए पढ़ते रहें!
इस्कंदर बनाम पैट्रियट: क्या रूस की हाइपरसोनिक मिसाइल ने अमेरिकी रक्षा प्रणाली को ध्वस्त किया?
यूक्रेन ने देखी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत,यूक्रेन युद्ध में रूस ने दावा किया कि उसके इस्कंदर-एम मिसाइल सिस्टम ने अमेरिका के पैट्रियट एयर डिफेंस (MIM-104 Patriot) को चकमा देने में सफलता हासिल की। यूक्रेनी वायु सेना प्रवक्ता यूरी इहनात के मई 2025 के बयान के अनुसार, इस्कंदर-एम की रडार डिकॉय तकनीक और क्वासी-बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र ने इसे पैट्रियट के लिए एक अवरोधन-योग्य लक्ष्य बना दिया।
इस्कंदर कैसे पैट्रियट को मात देता है?
✔ रडार डिकॉय: यह दुश्मन के रडार को भ्रमित करता है
✔ अप्रत्याशित उड़ान पथ: पैट्रियट की गणनाओं को धता बताता है
✔ हाइपरसोनिक गति (6-7 मैक): इंटरसेप्ट करना असंभव के करीब
ब्रह्मोस vs इस्कंदर: दोनों मिसाइल सिस्टम की तुलना

पैरामीटर | ब्रह्मोस (भारत-रूस) | इस्कंदर (रूस) |
---|---|---|
गति | 2.8-3.0 मैक (सुपरसोनिक) | 6-7 मैक (हाइपरसोनिक) |
प्रक्षेपवक्र | निम्न-स्तरीय क्रूज | क्वासी-बैलिस्टिक |
रेंज | 290-800 किमी | ~500 किमी |
लॉन्च प्लेटफॉर्म | जमीन, समुद्र, वायु, पनडुब्बी | जमीन-आधारित मोबाइल लॉन्चर |
रडार से बचाव | स्टील्थ तकनीक | रडार डिकॉय + युद्धाभ्यास |
युद्ध में प्रदर्शन | पाकिस्तान के HQ-9B को भेदा | पैट्रियट को चुनौती दी |
निष्कर्ष
यूक्रेन ने देखी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत,इस्कंदर रूस की सामरिक शक्ति का प्रतीक है, जो अपनी हाइपरसोनिक गति और रडार-विरोधी क्षमताओं के लिए जाना जाता है। हालांकि, क्या यह वास्तव में पैट्रियट को “तोड़” सकता है, यह अभी भी विवादास्पद है। वहीं, ब्रह्मोस भारत की सुपरसोनिक क्षमताओं का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी मारक क्षमता साबित की है।