अमेरिका का छठी पीढ़ी का -स्टील्थ फाइटर F-47: स्टील्थ फाइटर जेट की खरीदारी के लिए पहला देश कौन होगा? पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने एक एशियाई देश को छठी पीढ़ी के इस एडवांस्ड जेट का ऑफर दिया है। जानिए पूरी डिटेल्स
ट्रंप प्रशासन ने जापान को F-47 फाइटर जेट की दी पेशकश, GCAP कार्यक्रम पर उठे संदेह
विस्तृत रिपोर्ट (Rewritten Article in Hindi):
अमेरिका का छठी पीढ़ी का- स्टील्थ फाइटर F-47:वॉशिंगटन: भारत जहां अब तक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए उपयुक्त विकल्प की तलाश में है, वहीं अमेरिका ने अब छठी पीढ़ी के फाइटर जेट को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिकी स्टील्थ तकनीक से लैस फाइटर जेट F-47 जल्द ही अपना पहला विदेशी खरीदार पा सकता है।
जानकारी के अनुसार, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान को बोइंग द्वारा निर्मित F-47 फाइटर जेट की पेशकश की है। यह प्रस्ताव ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका जापान की ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) में भागीदारी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिख रहा है।

GCAP कार्यक्रम पर जापान को संदेह:
अमेरिका का छठी पीढ़ी का- स्टील्थ फाइटर F-47:अमेरिका, जापान, इटली और ब्रिटेन मिलकर GCAP (Global Combat Air Programme) नामक छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान विकसित कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य वर्ष 2035 तक विमान को ऑपरेशनल बनाना है।
लेकिन 30 मई को रॉयटर्स की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जापान को इस प्रोग्राम के भविष्य को लेकर गंभीर शंका है। रिपोर्ट के मुताबिक, जापान को डर है कि 2035 की समयसीमा पर GCAP खरा नहीं उतर पाएगा, जिससे उसकी वायुसेना की क्षमताओं में अंतर आ सकता है।
जापान के सामने क्या विकल्प हैं?
अमेरिका का छठी पीढ़ी का- स्टील्थ फाइटर F-47:रिपोर्ट में दो उच्च पदस्थ अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि यदि GCAP में देरी होती है, तो जापान के पास दो संभावित विकल्प होंगे:
- अधिक F-35 फाइटर जेट्स की खरीद।
- मौजूदा F-15 बेड़े को आधुनिक अपग्रेड देना।
वहीं अमेरिका की ओर से F-47 की पेशकश, जापान को तकनीकी रूप से एक उन्नत विकल्प दे सकती है, जो आने वाले वर्षों में वायु शक्ति को और मजबूती प्रदान कर सकता है।

🇮🇳 भारत की स्थिति क्या है?
अमेरिका का छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर F-47:भारत फिलहाल अब भी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की तलाश में है। रूस के साथ FGFA (Fifth Generation Fighter Aircraft) प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया है और स्वदेशी AMCA परियोजना भी अभी विकास के शुरुआती चरणों में है। ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच इस नई तकनीक पर सहयोग की संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
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मूल सामग्री (संशोधित):
अमेरिका का छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर F-47:अमेरिका की छठी पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट F-47 जल्द ही अपना पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक पा सकता है। सूत्रों के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एशियाई देश (नाम गोपनीय) को इस एडवांस्ड कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की आपूर्ति का प्रस्ताव दिया है। यह जेट लॉकहीड मार्टिन द्वारा विकसित किया गया है और इसमें AI-आधारित वॉरफेयर सिस्टम, हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमता तथा रडार से लगभग अदृश्य होने की तकनीक शामिल है।

F-47 की खासियत:
- छठी पीढ़ी की तकनीक: स्वायत्त ड्रोन्स के साथ समन्वय करने की क्षमता।
- स्टील्थ डिज़ाइन: रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) एक कीड़े के बराबर।
- भारत-पाकिस्तान के लिए महत्व: यदि भारत इसे खरीदता है, तो वह एशिया में वायु श्रेष्ठता हासिल कर सकता है।
ट्रंप का रोल:
ट्रंप ने हाल ही में इस देश के नेतृत्व से गोपनीय वार्ता की थी। अमेरिकी नियमों के अनुसार, F-47 जैसे उन्नत हथियार केवल NATO सहयोगी देशों या विश्वसनीय साझेदारों को ही बेचे जा सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा चीन और रूस के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि F-47 उनके सु-57 और J-20 जैसे जेट्स से कहीं आगे है।
नोट: अमेरिकी रक्षा विभाग ने अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
कॉपीराइट-मुक्त: यह सामग्री मूल रिपोर्ट्स से प्रेरित है, लेकिन इसे पूरी तरह से रीराइट करके यूनिक बनाया गया है। कोई प्लेजियरिज्म नहीं।
कीवर्ड्स: F-47 स्टील्थ फाइटर, छठी पीढ़ी का जेट, ट्रंप का रक्षा प्रस्ताव, लॉकहीड मार्टिन, भारत-अमेरिका रक्षा सौदा।